शयन के नियम( Rules of sleeping)

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 शयन के नियम( Rules of sleeping)



नींद के लिए आठ घंटे से अधिक समय अलग न रखें। एक स्वस्थ वयस्क के लिए नींद की अनुशंसित मात्रा कम से कम सात घंटे है।

बिस्तर पर जाएं और हर दिन एक ही समय पर उठें। सप्ताहांत और सप्ताहांत पर अपने नींद के कार्यक्रम में अंतर को एक घंटे से अधिक नहीं करने का प्रयास करें।

बिस्तर चिकना होना चाहिए, बहुत नरम नहीं होना चाहिए और बहुत सख्त नहीं होना चाहिए। बेहतर होगा कि आप अपनी बाईं और दाईं ओर सोएं। विशेषज्ञ पेट के बल सोने की सलाह नहीं देते हैं।

दोपहर में देर से या 20-30 मिनट से अधिक समय तक झपकी लेने से बचें।

बिस्तर में 8 घंटे से अधिक समय न बिताएं, और केवल तब तक बिस्तर पर सोएं / रहें जब तक आपको आराम महसूस करने की आवश्यकता हो (आमतौर पर 7-8 घंटे)।

 इन 16 नियमों का अनुकरण करने वाला यशस्वी, निरोग और दीर्घायु हो जाता है।

1. सूने तथा निर्जन घर में अकेला नहीं सोना चाहिए। देव मन्दिर और श्मशान में भी नहीं सोना चाहिए। (मनुस्मृति)

 2. किसी सोए हुए मनुष्य को अचानक नहीं जगाना चाहिए। (विष्णुस्मृति)

 3. विद्यार्थी, नौकर औऱ द्वारपाल , यदि ये अधिक समय से सोए हुए हों, तो इन्हें जगा देना चाहिए। (चाणक्यनीति)

 4. स्वस्थ मनुष्य को आयुरक्षा हेतु ब्रह्ममुहुर्त में उठना चाहिए। (देवीभागवत) बिल्कुल अँधेरे कमरे में नहीं सोना चाहिए। (पद्मपुराण)

 5. भीगे पैर नहीं सोना चाहिए। सूखे पैर सोने से लक्ष्मी (धन) की प्राप्ति होती है। (अत्रिस्मृति) टूटी खाट पर तथा जूठे मुँह सोना वर्जित है। (महाभारत)

 6. "नग्न होकर/निर्वस्त्र" नहीं सोना चाहिए। (गौतम धर्म सूत्र)

 7. पूर्व की ओर सिर करके सोने से विद्या, पश्चिम की ओर सिर करके सोने से प्रबल चिन्ता, उत्तर की ओर सिर करके सोने से हानि व मृ!त्यु तथा दक्षिण की ओर सिर करके सोने से धन व आयु की प्राप्ति होती है। (आचारमय़ूख)

 8. दिन में कभी नहीं सोना चाहिए। परन्तु ज्येष्ठ मास में दोपहर के समय 1 मुहूर्त (48 मिनट) के लिए सोया जा सकता है। (दिन में सोने से रोग घेरते हैं तथा आयु का क्षरण होता है)

 9. दिन में तथा सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सोने वाला रोगी और दरिद्र हो जाता है। (ब्रह्मवैवर्तपुराण)

 10. सूर्यास्त के एक प्रहर (लगभग 3 घण्टे) के बाद ही शयन करना चाहिए।

 11. बायीं करवट सोना स्वास्थ्य के लिये हितकर है।

 12. दक्षिण दिशा में पाँव करके कभी नहीं सोना चाहिए। यम और दुष्ट देवों का निवास रहता है। कान में हवा भरती है। मस्तिष्क में रक्त का संचार कम को जाता है, स्मृति- भ्रंश, मौ त व असंख्य बीमारियाँ होती है।

 13. हृदय पर हाथ रखकर, छत के पाट या बीम के नीचे और पाँव पर पाँव चढ़ाकर निद्रा न लें।

 14. शय्या पर बैठकर खाना-पीना अशुभ है।

 15. सोते सोते पढ़ना नहीं चाहिए।(ऐसा करने से नेत्र ज्योति घटती है)

 16. ललाट पर तिलक लगाकर सोना अशुभ है। इसलिये सोते समय तिलक हटा दें।

 इन 16 नियमों का अनुकरण करने वाला यशस्वी, निरोग और दीर्घायु हो जाता है।


नोट :- यह सन्देश जन जन तक पहुँचाने का प्रयास करें। ताकि सभी लाभान्वित हों 🙏

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